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Error code: DatasetGenerationCastError Exception: DatasetGenerationCastError Message: An error occurred while generating the dataset All the data files must have the same columns, but at some point there are 1 new columns ({'recordingserverurl'}) and 1 missing columns ({'URL'}). This happened while the csv dataset builder was generating data using hf://datasets/PrathamOrgAI/ReadNet/Letters_Hindi.csv (at revision 3b971e7ee7395d4f406fd7c6db32fa31f4c9f4b5) Please either edit the data files to have matching columns, or separate them into different configurations (see docs at https://hf.co/docs/hub/datasets-manual-configuration#multiple-configurations) Traceback: Traceback (most recent call last): File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/builder.py", line 2011, in _prepare_split_single writer.write_table(table) File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/arrow_writer.py", line 585, in write_table pa_table = table_cast(pa_table, self._schema) File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/table.py", line 2302, in table_cast return cast_table_to_schema(table, schema) File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/table.py", line 2256, in cast_table_to_schema raise CastError( datasets.table.CastError: Couldn't cast recordingserverurl: string Transcribed Text: string -- schema metadata -- pandas: '{"index_columns": [{"kind": "range", "name": null, "start": 0, "' + 530 to {'URL': Value(dtype='string', id=None), 'Transcribed Text': Value(dtype='string', id=None)} because column names don't match During handling of the above exception, another exception occurred: Traceback (most recent call last): File "/src/services/worker/src/worker/job_runners/config/parquet_and_info.py", line 1321, in compute_config_parquet_and_info_response parquet_operations = convert_to_parquet(builder) File "/src/services/worker/src/worker/job_runners/config/parquet_and_info.py", line 935, in convert_to_parquet builder.download_and_prepare( File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/builder.py", line 1027, in download_and_prepare self._download_and_prepare( File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/builder.py", line 1122, in _download_and_prepare self._prepare_split(split_generator, **prepare_split_kwargs) File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/builder.py", line 1882, in _prepare_split for job_id, done, content in self._prepare_split_single( File "/src/services/worker/.venv/lib/python3.9/site-packages/datasets/builder.py", line 2013, in _prepare_split_single raise DatasetGenerationCastError.from_cast_error( datasets.exceptions.DatasetGenerationCastError: An error occurred while generating the dataset All the data files must have the same columns, but at some point there are 1 new columns ({'recordingserverurl'}) and 1 missing columns ({'URL'}). This happened while the csv dataset builder was generating data using hf://datasets/PrathamOrgAI/ReadNet/Letters_Hindi.csv (at revision 3b971e7ee7395d4f406fd7c6db32fa31f4c9f4b5) Please either edit the data files to have matching columns, or separate them into different configurations (see docs at https://hf.co/docs/hub/datasets-manual-configuration#multiple-configurations)
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URL
string | Transcribed Text
string |
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हम सब - - - |
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काले बादल छाए हैं। तेज़ बारिश हो रही है। मोर भी नाच रहा है। सब नाच रह नाच देख रहे हैं। |
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बहुत दिनों से बारिश हो रही थी। गाँव में सभी जगह गंदा पानी भर गया था। सभी बारिश के रुकने की राह देख रहे थे। अचानक एक दिन बारिश रुक गई। सूरज निकल आया। सब लोग खुश हो गये। आसमान में चिड़ियाँ उड़ने लगीं। लोग अपने कपड़े सुखाने लगे। बच्चे भी घरों से बाहर निकलकर खेलने लगे। |
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केशव अपने दादाजी के साथ रहता था। एक दिन दादाजी केशव को बगीचा घुमाने ले गए। बगीचे में कई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने लगा। दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठ गए। शाम को जब वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने सारी जलेबियाँ अपने झोले में रख लीं। केशव की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केशव ने जलेबी खाई। केशव बहुत खुश था। |
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गाँव में एक सड़क है। वह काफी पुरानी है। उसमें पानी भर जाता है। इससे सब दुखी हैं। |
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मैं और मेरी बहन छत पर खेल रहे थे। अचानक आसमान में बादल गरजने लगे, बिजली कड़कने लगी। बड़ी-बड़ी बूँदें पड़ने लगीं। हम जल्दी से भागकर नीचे आ गए। तभी भैया गरम-गरम समोसे और पकौड़े ले आया। हमने खिड़की के पास बैठकर समोसे-पकौड़े खाये और बारिश का मज़ा लिया। |
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मेरे पास एक किताब है। उसमें परी की कहानी है। यह कहानी मुझे बहुत पसंद है। मैं सबको यह कहानी सुनाता हूँ। |
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रमेश और महेश मित्र थे। एक दिन वे दोनों आम के बगीचे में घूमने गये। अचानक दोनों ने वहाँ साँप और नेवले को लड़ते हुये देखा। उन्होंने लड़ाई रोकने के लिये एक तरीका निकाला। हमेश महेश ने जल्दी से नेवले की ओर लड़की फेंकी लकड़ी फैंकी। नेवला डर कर भाग गया। साँप भी बिल में छिप गया। रमेश और महेश यह देखकर खुश हुये। |
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केशव अपने दादाजी के साथ रहता था। एक दिन दादाजी केशव को बगीचा घुमाने ले गए। बगीचे में कई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने लगा। दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठ गए। शाम को जब वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने सारी जलेबियाँ अपने झोले में रख लीं। केशव की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केशव ने जलेबी खाई। केशव बहुत खुश था। |
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गरमी का मौसम है। सबको गरमी लग रही है। लोग नींबू का शरबत पी रहे हैं। और छाता खोलकर घूम रहे हैं। |
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रमेश और महेश मित्र थे। एक दिन वे दोनों आम के बगीचे में घूमने गये। अचानक दोनों ने वहाँ साँप और नेवले को लड़ते हुये देखा। उन्होंने लड़ाई रोकने के लिये एक तरीका निकाला। महेश ने जल्दी से नेवले की ओर लकड़ी फैंकी। नेवला डर कर भाग गया। साँप भी बिल में छिप गया। रमेश और महेश यह देखकर खुश हुये। |
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माधव अपनी नानी के साथ रहता था। एक दिन नानी माधव को झीले दिखाने ले गई। वहाँ खूब चहल-पहल थी और कुछ लोग झील मके नाव पर घूम रहे थे। झील के पास एक बहुत बड़ा सा बगीचा था जहाँ कई बच्चे खेल रहे थे। थोड़ी देर बाद वहाँ एक मिठाई वाला आया। माधव को मिठाई खाना बहुत पसंद था। नानी ने उसके लिए कई सारी मिठाइयाँ खरीदी। माधव ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माधव की बड़ी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माधव ने मिठाई खाई। माधव बहुत खुश था। |
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काले बादल छाए हैं। तेज़ बारिश हो रही है। मेरा भी नाच रहा मेरा भी नाच रहा है। सब नाच देख रहे हैं। |
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बहुत दिनों से बारिश हो रही थी। गाँव में सभी जगह गंद पानी भर गया था। सभी बारिश के रुकने की रह देख रहे थे। अचानक एक दिन बारिश रुक गई। सूरज निकल आया। सब लोग खुश हो गये। आसमान में चिड़ियाँ उड़ने लगीं। लोग अपने कपड़े सुखाने लगे। बच्चो बच्चे भी घर घरों से बाहर निकलकर खेलने लगे। |
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माधव माधव अपनी नानी के साथ रहता था। एक दिन नानी माधव माधव को झील दिखाने ले गये । वहाँ खूब चहल-पहल थी और कुछ लोग झील में नाव पर झूम रहे थे। झील के पास एक बहुत बड़ा सा बगीचा था जहाँ कई बच्चे खेल रहे थे। थोड़ी देर बाद वहाँ एक मिठाई वाला मिठाई वाला आया। माधव के मिठाई खाना बहुत पसंद था। नानी ने उसके लिए कई सारी मिठाइयाँ खरीदी। माधव ने सारी मिठाइयाँ आपाने झोले में रख लीं। माधव की बड़ी बहन घर पर घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माधव ने मिठाई खाई। माधव बहुत खुश था। |
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नदी में एक नाव है। वह बहुत पुरानी है। नाव धीरे-धीरे चलती है। हमें नदी के पार ले जाती है। |
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अमन के पिताजी दुकान चलाते थे। दिन भर सब ठीक रहता था। रात को चूहे बहुत परेशान करते थे। अमन ने चूहों को भगाने का एक तरीका सोचा। वह एक बड़ी बिल्ली ले आया। बिल्ली बिल्ली के डर से चूहे अब दुकान में नहीं आते हैं। पिताजी अमन से बहुत खुश हुए। वह अब आ आ आराम से दुकान चलाते हैं। |
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राधा आ अपनी दादी के साथ रहती थी। एक दिन दादी राधा को में मेला घुमाने ले गई। वह बहुत सारे बच्चे थे और रंग-बिरंगे खेलने खिलौने मिल रहे थे। मेले में कई तरह के छू झूले भी थे जिन्हें जिन पर राधा ने दादी के साथ स स सोर लगाई। थोड़ा आगे जाने पर उन्हों उन्हें समोसे की एक दुकान दिखाई दिखी। राधा को समोसा खाना बहुत पसंद था। दादी ने उसको लिया समोसे खरीदे। राधा ने उन्हें अपने झोले में रख लिया। राधा का छोटा भाई घर पर था। अपने भाई के साथ मिलकर राधा ने समोसे खाए। राधा बहुत खुश थी। |
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मेरे घर में दो पलंग हैं। एक छोटा है, दूसरा बड़ा है। छोटे पर मैं सोता हूँ। बड़े वाले पर मेरा भाई सोता है। |
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एक दिन बकरी, चील और मेंढक ने आकाश में उड़ने की सोची। चील एक बड़ा सा गुब्बारा ले आई। बकरी एक डोरी और मेंढक एक टोकरी ले आया। तीनों ने मिलकर उसकी उड़न टोकरी बनाई। तीनों उसमें बैठकर उड़ने लगे। अचानक बकरी के सींग से गुब्बारा फट गया। सभी जमीन पर आ गिरे। |
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केशव अपने दादी दादाजी के साथ रहता था। एक दिन दादाजी केशव को बगीचा घुमाने ले गए। बगीचे में कई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने लगा। दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठ गए। शाम को जब वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने सारी जलेबियाँ अपने झोले में रख लीं। केशव की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केशव ने जलेबी खाई। केशव बहुत खुश था। |
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काले बादल छाए हैं। तेज़ बारिश हो रही है। मोर भी नाच रहा है। सब नाच देख रहे हैं। |
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बहुत दिनों से बारिश हो रही थी। गाँव में सभी जगह गंदा पानी भर गया था। सभी बारिश के रुकने की राह देख रहे थे। अचानक एक दिन बारिश रुक गई। सूरज निकल आया। सब लोग खुश हो गये। आसमान में चिड़ियाँ उड़ने लगीं। लोग अपने कपड़े सुखाने लगे। बच्चे भी घरों से बाहर निकलकर खेलने लगे। |
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माधव अपनी नानी के साथ रहता था। एक दिन नानी माधव को झील देखाने ले गई। वहाँ खूब चहल-पहल थी और कुछ लोग झील में नाव पर घूम रहे थे। झील के पास एक बहुत बड़ा सा बगीचा था जहाँ कई बच्चे खेल रहे थे। थोड़ी देर बाद वहाँ एक मिठाई वाला आया। माधव को मिठाई खाना बहुत पसंद था। नानी ने उसके लिए कई सारी मिठाइयाँ खरीदी। माधव ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माधव की बड़ी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माधव ने मिठाई खाई। माधव बहुत खुश था। |
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नानी रोज़ कहानी सुनाती है। कहानी राजा की होती है। जब कहानी पूरी होती है, तभी मुझे नींद आती है। |
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राजू का एक भाई और एक बहन है। बड़ा भाई शहर में रहता है। वह बड़े विद्यालय में पढ़ता है। वह बहुत मेहनत है। उसकी बहन अच्छी खिलाड़ी है। उसे कई खेल बहुत अच्छी तरह खेलने आते हैं। राजू उन दोनों की तरह बनना चाहता है। पढ़ाई में तेज़ होना चाहता है और अच्छा खिलाड़ी बनना चाहता है। |
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केशव अपने दादाजी के साथ रहता था। एक दिन दादाजी केशव की बगीचा घुमाने ले गए। बगीचे में कई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने रहा था । दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठ गए। शाम को जब वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने सारी जलेबियाँ अपने झोले में रख लीं। केशव की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केशव ने जलेबी खाई। केशव बहुत खुश था। |
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रानी नदी किनारे रहती है। नदी में बहुत मछलियाँ हैं। रानी उस उनको दाना देती है। वे सब मज़े से दाना खाती हैं। |
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अपने अपना अमन के पिताजी दुकान चलाते थे। दिन भर सब ठीक रहता था। रात को चूहे बहुत परेशान करते थे। अपना अमन ने चूहों को भगाने का एक तरीका सोचा। वह एक बड़ी बिल्ली के ले आए आया। बिल्ली के डर से चूहे अब दुकान में नहीं आते हैं। पिताजी अपना अमन से बहुत खुश हुए। वह अब आराम से दुकान चलाते हैं। |
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माधव अपनी नानी के साथ रहता था। एक नदी दिन नानी माधव को झीला झील दिखाने ले गया गई। वह वहाँ खूब चहल-पहल थी और कुछ लोग झीला झील में नाव पर घूम रहे थे। झील के पास एक बहुत बड़ा सा बगीचा था जहाँ कई बच्चे खेल रहे थे। थोड़ी देर बाद वह वहाँ एक मिठाई वाला आया। माधव को मिठाई खाना बहुत पसंद था। नानी ने उसके लिए कई सारी मिठाइयाँ खरीदी। माधव ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माधव की बड़ी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माधव ने मिठाई खाई। माधव बहुत खुश था। |
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नदी में एक नाव है। वह बहुत पुरानी है। नाव धीरे-धीरे चलती है। हमें नदी के पार ले जाती है। |
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अमन के पिताजी दुकान चलाते । दिन भर सब ठीक रहता था। रात को चूहे बहुत परेशान करते थे। अमन ने चूहों को भगाने का एक तरीका सोचा। वह एक बड़ी बिल्ली ले आया। बिल्ली के डर पे चूहे अब दुकान में नहीं आते हैं। पिताजी अमन से बहुत खुश हुए। वह अब आराम से दुकान चलाते हैं। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बज़ार घुमाने ले गई। बज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झोले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता था। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की माया के माया की मिल मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश थी। |
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माँ ने हलवा बनाया। वह बहुत मीठा था। उसे सोनी ने खाया। खाने के बाद वह सो गई। |
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एक पेड़ पर बहुत से पक्षी रहते थे। उनमें एक बूढ़ा कौआ भी था। कौआ बूढ़ा होने के कारण अपने लिए भोजन जुटा नहीं पाता था। इसलिए सभी पक्षियों ने एक योजना बनाई और बूढ़े कौए , ‘‘आप हमारे बच्चों व अंडों की देखभाल कीजिए। हम आपके भोजन लायेंगे।’’ इस तरह बूढ़े कौए को भोजन मिलने लगा। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बाज़ार घुमाने ले गई। बाज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झोले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाइयाँ की मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता था। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश थी। |
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रानी नदी किनारे रहती है। नदी में बहुत मछलियाँ हैं। रानी उनको दाना देती है। वे सब मज़े से दाना खाती हैं। |
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चिड़िया का एक बच्चा था। वो बहुत शरारती था। जब वो किसी को उड़ते देखता तो उसका भी मन उड़ने को करता। उसके पंख छोटे थे इसलिये वह उड़ नहीं पाता था। जब वो घोंसले में अकेला था, उसने उड़ने की कोशिश की। मगर वो नीचे तालाब में जा गिरा। चीं-चीं चीं-चीं की आवाज़ सुनकर एक कछुआ वहाँ गया और उसे तालाब से बाहर निकाला। |
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केशव अपने दादीजी के साथ रहता था। एक दिन दादीजी ने केशव को बगीचा घुमाने ले गए। बगीचे में कई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने गया लगा। दादीजी दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठ गए। शाम को जब वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने सारी जलेबियाँ अपने झोले में रख लीं। केशव की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केशव ने जलेबी खाई। केशव बहुत खुश था। |
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रानी नदी कि ना रे र ह ती है। नदी में बहु बहुत म छ लियाँ हैं। रानी उनको द दा ना देती है। वो सब मज़े से दाना खाती हैं। |
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मेरे घर में दो पलंग हैं। एक छोटा है, दूसरा बड़ा है। छोटे पर मैं सोता हूँ। बड़े वाले पर मेरा भाई सोता है। |
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एक बड़े तालाब के किनारे बहुत से कछुए रहते थे। लड़के तालाब में लड़के तालाब के किनारे जाते और कछुओं को देखते। कभी कछुए चलते तो कभी हाथ-पर अंदर कर लेते, जैसे कोई पत्थर हों। लड़के यह देखकर खूब ज़ोर से हँसते व ताली बजाते। घर जाकर सबको कछुए की कहानी सुनाते। |
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सोना के पास एक गेंद है। गेंद का रंग लाल है। वह गेंद से खेलती है। उसे खेलकर मज़ा आता है। |
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राजू का एक भाई और एक बहन है। बड़ा भाई शहर में रहता है। वह बड़े विद्यालय में पढ़ता है। वह बहुत मेहनती है। उसकी बहन अच्छी खिलाड़ी है। उसे कई खेल बहुत अच्छी तरह खेलने आते हैं। राजू उन दोनों की तरह बनना चाहता है। पढ़ाई में तेज़ होना चाहता है और अच्छा खिलाड़ी बनना चाहता है। |
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नदी में एक नाव है। वह बहुत पुरानी है। नाव धीरे-धीरे चलती है। हमें नदी के पार ले जाती है। |
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एक बड़े तालाब के किनारे बहुत से कछुए रहते थे। लड़के तालाब के किनारे जाते और कछुओं को देखते। कभी कछुए चलते तो कभी हाथ-पैर अंदर कर लेते, जैसे कोई पत्थर हों। लड़के यह देखकर खूब ज़ोर से हँसते व ताली बजाते। घर जाकर सबको कछुए की कहानी सुनाते। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बाज़ार घुमाने ले गई। बाज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झोले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता है। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश हुई |
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हमारे बाग में आम के पेड़ हैं। हम आम तोड़कर खाते हैं। आम की चटनी भी बनती है। हम सबको आम अच्छा लगता है। |
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एक बाग में बहुत सारे बच्चे खेल रहे थे। आसमान में बादलों के बीच से लाल परी उन्हें देख रही थी। फिर वह आसमान से नीचे उतर आई और उन बच्चों के साथ खेलने लगी। बच्चे परी को देखकर बहुत खुश हुए। शाम को परी ने बच्चों को कुछ खिलौने दिए। फिर लाल परी अपने परीलोक वापिस लौट गई। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बाज़ार घुमाने ले गई। बाज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झोले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता था। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश थी। |
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काले बादल झाये है छाए हैं। तेज़ बारिश हो रही है। मोर भी नाच रहा है। सब नाच देख रहे हैं। |
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बहुत दिनों से बारिश हो रही थी। गाँव में सभी जगह जगप जगह गंदा पानी र भर गया था। सभी बारिश के रुकने की राह राह राह देखा देख रहे थे। अचानक एक दिन बारिश रुक गई। सूरज निकल आया। सब लोग खुश हो गये। आस आसमान में चिड़ियाँ उड़ने लगीं लगीं। लोग अपने कपड़े सुखाने लगे। बच्चे भी घरों से बाहर निकलकर खेलने लगे। |
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केवट अपने दादीजी के साथ रहता था। एक दिन दादाजी केवस को बगीचा घुमने ले गए। बगीचे में कई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने लगा। दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठा गए। शाम को जबसे वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखाई। केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने ससारी जजलेबियाँ अपने झूले झोले में रख लीं। केवस की छछोटीब बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केवस ने जलेबी खाई। केवस बहुत खुश था। |
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सोनम गाना गाती है। उसे गाना अच्छा लगता है। उसकी आवाज़ मीठी है। सबसे उसे पसंद करते हैं। |
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राजू नाम का एक लड़का था। उसकी एक बड़ी बहबहन न वह एक छोटा भाई था। उसका बहन गाँव के पास के विद्यालय में पढ़ने जाता। वह खूब मोह महं मेहनत करता था। उसकी बहन बहुत अच्छी खिला खिलाड़ी थी। उसे लंबी दौड़ लगाना अच्छा लगता था। वे तीनों रोज़ साथ-साथ मौज-मस्ती करते थे। |
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मध्य अपनी नानी के साथ रहता था। एक दिन नानी मध्य को झीलदेखने के लिए । वह खूब चाहता -पहल थी और कुछ लोग झील में नाव पर घूम रहे थे। झील के पास एक बहुत बड़ा सा बगीचा था जहाँ कई बच्चे खेल रहे थे। थोड़ी सी देर बाद वह एक मिठाई वाला आया। मध्य को मिठाई खाना बहुत पसंद था। नानी ने उसके लिए कहीं सारी मिठाइयाँ खरीदी। मध्य ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। मध्य की बड़ी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर मध्य ने मिठाई खाई। मध्य बहुत खुश था। |
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काले बादल छाए हैं। तेज़ बारिश हो रही है। मोर भी नाच रहा है। सब नाच देख रहे हैं। |
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बहुत दिनों से बारिश हो रही थी। गाँव में सभी जगह गंदा पानी भरा भर गया था। सभी बारिश को रोकने की राह देख रहे थे। अचानक एक दिन बारिश रुक गई। सूरज निकल आया। सब लोक खुश हो गये। आसमान में चिड़ियाँ उड़ने लगीं। लोग अपने कपड़े सुखाने लगे। बच्चे भी घरों से बाहर निकलकर खेलने लगे। |
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माधव अपनी नानी के साथ रहता था। एक दिन नानी माधव को झील दिखाने ले गई। वह खूब चहल-पहल थी और कुछ लोग झील में नाव पर घूम रहे थे। झील के पास एक बहुत बड़ा सा भी बड़ा सा बगीचा था जहाँ कई बच्चे खेल रहे थे। थोड़ी देर बाद वहाँ एक मिठाई वाला आया। माधव को मिठाई खाना बहुत पसंद था। नानी ने उसके लिए कई सारी मिठाइयाँ खरीदी। माधव ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माधव की बड़ी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माधव ने मिठाईयां खाई। माधव बहुत खुश था। |
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मेरे घर में दो पलंग हैं। एक छोटा है, दूसरा बड़ा है। छोटा छोटा छोटे पर मैं सोता हूँ। बड़े वाले पर मेरा भाई सोता है। |
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एक दिन बकरी, चील और मेंढक ने आकाश में उड़ने की सोची। चील एक बड़ा सा गुब्बारा ले आई। बकरी एक डोरी और मेंढक एक टोकरी ले आया। तीनों ने मिलकर उसकी उड़न टोकरी बनाई। तीनों उसमें बैठकर उड़ने लगे। अचानक बकरी के सींग से सींग से गुब्बारा पट फट गया। सभी जमीन पर आ गिरे। |
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गाँव में भालू वाला आया। उसने भालू का नाच दिखाया। सब लोगों को मज़ा आया। सबसे सब सबने ताली बजाई। |
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मैं और मेरी बहन छत पर खेल रहे थे। अचानक आसमान में बादल गरजने लगा, बिजली कड कडक कड़कने लगी। बड़ी-बड़ी बूँदें पड़ने लगीं। हम जल्दी से भागकर नीचे आ गए। तभी भैया गरम-गरम समोसे और पकौड़े ले आया। हम हमने खिड़की के पास बैठकर समोसे-पकौड़े खाये और बारिश का मज़ा लिया। |
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राधा अपनी दादी के साथ रहती थी। एक दिन दादी राधा को मेला घुमाने ले गई। वहाँ बहुत सारे बच्चे थे और रंग-बिरंगे खिलौने मिल रहे थे। मेले में कई तरह के झूले भी थे जिन पर राधा ने दादी के साथ सा सैर लगाया। थोड़ा आगे जाने पर उन उन्हों उन्हें समोसे की एक दुकान दिखी। राधा को समोसा खाना बहुत पसंद था। दादी ने उसके लिए समोसे खरीदे। राधा ने उन्हें अपने झोले में रख लिया। राधा का छोटा भाई घर पर था। अपने भाई के साथ मिलकर रा राधा ने समोसे खाए। राधा बहुत खुश थी। |
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बरसात का मौसम है। खूब पानी बरस रहा है। चारों ओर पानी है। हम सब पानी में खेलेंगे। |
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पहले रामपुर की ज़मीन खाली थी। वहाँ कुछ नहीं उगता था। कोई वहाँ खेलने नहीं जाता था। एक दिन कुछ लोग आये। उन्होंने गाँव के लोगों को बुलाया। सबने मिलकर तय किया कि यहाँ बगीचा बनाया जाए। खादा मांगकर हर तरह के पौधे लगाये गये। सही समय पर पानी दिया गया। आज वहाँ एक सुंदर बगीचा है। इसलिए वहाँ सभी खेलने आते हैं। |
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केशव अपने दादाजी के साथ रहता था। एक दिन दादाजी केशव को बगीचा घुमाने ले गए। बगीचे में कोई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने लगा। दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठे गए। शाम को जब वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। केशवकी जलेबी केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने सारी जलेबियों अपने झोले में रख लीं। केशव की छुट्टी छुट्टी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केशव ने जलेबी खाई। केशव बहुत खुश था। |
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कमल के मामा आए हैं। मामा का गाँव बहुत दूर है। मामा बहुत थक गए हैं। खाना खाकर सोने वाले हैं। |
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विमला और अजय मेला देखने गये। उन्हें मेले में तरह-तरह की दुकाने दिखीं। मेले में बहुत झूले थे। वहाँ गरम-गरम हलवा और जलेबी भी बिक रहीं थीं। जलेबी देखकर दोनों के मुँह में पानी आने लगा। उन्हें जलेबी खाने का मन करने लगा। विमला ने जलेबी खरीदी। दोनों ने मिलकर जलेबी खाई। शाम को दोनों घर लौट आये। |
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राधा अपनी दादी के साथ रहती थी। एक दिन दादी राधा को मेला घुमाने ले गई। वहाँ बहुत सारे बच्चे थे और रंग-बिरंगे खिलौने मिल रहे थे। मेले में कई तरह के झूले भी थे जिन पर राधा ने दादी के साथ सैर लगाई। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मोसम की एक दुकान दिखी। राधा को मोसम खाना बहुत पसंद था। दादी ने उसके लिए समोसे खरीदे। राधा ने उन्हें अपने झोले में रख लिया। राधा का छोटा भाई घर पर था। अपने भाई के साथ मिलकर राधा ने समोसे खाए। राधा बहुत खुश थी। |
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सोनम गाना गाती है। उसे गाना अ अच्छा लगता है। उसकी आवाज़ मीठी है। बस उसे पसंद है पसंद करती है करता कर |
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राधा के पास एक तोता है। उसकी चोंच लाल है। वह बहुत बोलता बोलता है। सब को हँसाता है। |
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बहुत दिन दिनों से बारिश हो रही थी। ग गाँव में सभी ज ग ह जगह गंदा पानी भरा गया था। सभी बारिश के रु क ने रुकने की राह देखा रहे थे। अचानक एक दिन बारिश रहू रहू रुख गई। सू र ज नि क ल आ या। स ब लोग खुश हू हो गये। आ आ स मा न आसमान में चिड़ियाँ उड़ने लगीं। लोग अपने क प ड़े सुखाने लगे। बच्चे भी घ री घरी से बाहर निकलकर खेलने लगे। |
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माँ ने हलवा बनाया। वह बहुत मीठा था। उसे सोनी ने खाया। खाने के बाद वह सो गई। |
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एक पेड़ पर बहुत से पक्षी रहते थे। उनमें एक बूढ़ा कौआ भी था। कौआ बूढ़ा होने के कारण अपने लिए भोजन जुटा नहीं पाता था। इसलिए सभी पक्षियों ने एक योजना बनाई और बूढ़े कौए से कहा, ‘‘आप हमारे बच्चों व अंडों की देखभाल कीजिए। हम आपके लिए भोजन लायेंगे।’’ इस तरह बूढ़े कौए को भोजन मिलने लगा। |
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राधा अपनी द दादी के साथ रहती थी। एक दिन दादी राधा को मेला घुमाने ले गई। वहाँ बहुत सारे बच्चे थे और रंग-बिरंगे खिलौने मिल रहे थे। मेले में कई तरह के झूले भी थे जिन पर राधा ने दादी के साथ सैर लगाई। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें समोसे - - - - - - |
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चाचा और मदन में मेले में गये। वहाँ बहुत सारे झूले थे। मिठाई की दुकानें भी थीं। दोनों ने मिठाई खाई। |
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घर के आँगन में केले का पेड़ है। उस पर बहुत सारे केले लगे हैं। कम हम कच्चे केले की सब्ज़ी बनाते हैं। उसके पत्तों पर खाना खाते हैं। केलों से चटनी भी बनती है। केले की चटनी पर में सबको अच्छी लगती है। मेरा भाई केले की चाट बनाकर खाता है। मैं रोज़ सुबह दूध के साथ केले केला खाती हूँ। इससे मुझे ताकत मिलती है। |
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राधा के पास एक तोता है। उसकी चोंच लाल है। वह बहुत बोलता है। सब को हँसाता है। |
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अमन के पिताजी दुकान चलाते थे। दिन भर सब ठीक रहता था। रात को चूहे बहुत परेशान करते थे। अमन ने चूहों को भगाने का एक तर तरीका सोचा। वह एक बड़ी बिल्ली ले आये। बिल्ली के डर से चूहे अब दुकान में नहीं आते हैं। पिताजी अमन से बहुत खुश हुए। वह सब सब आराम से दुकान चलाते हैं। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बाज़ार घुमाने घुमने ले गई। बाज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झेले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता था। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश थी। |
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मेरे पास एक कि किताब है। उसमें परी की कहानी है। यहाँ कहानी मुझे बहुत पसंद है। मैं स स सबको यह कहानी सुनाता हूँ। |
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हम सब घूमने गए। वहाँ हमने बंदर देखे। हमने उस उसको केला दिया। सबने केला खा लिया। |
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सोनम गाना गाती है। उसे गाना अच्छा लगता है। उसकी आवाज़ मीठी है। सब उसे पसंद करते हैं। |
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राजू नाम का एक लड़का था। उसकी एक बड़ी बहन व एक छोटा भाई था। उसका भाई गाँव के पास के विद्यालय में पढ़ने जाता। वह खूब मेहनत करता था। उसकी बहन बहुत अच्छी खिलाड़ी थी। उसे लंबी दौड़ लगाना अच्छा लगता था। वे तीनों रोज़ साथ-साथ मौज-मस्ती करते थे। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बाज़ार घुमाने ले गई। बाज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झोले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता था। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश थी। |
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गरमी का मौसम है। इसका गर उस जिसको गरमी लग रही है। ल लोग नींबू का शरबत पी रहे हैं। और छाता लेकर घूम रहे हैं। |
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रामूतुर में कुछ ज़मीन खे ख़ाली थी। वहाँ कुछ नहीं उग उगता था। वहाँ कोई खे खो खेलने नहीं जाता था। एक दिन कुछ लोग आ आए। उन्होंने गा गाँव के लोगों से को बुलाया। जिसने मिलकर तल किया कि वहां यहाँ बग़ीचा बनाया गया जाए जाए। खाद मंगाकर हर हर तरह के पौधे लगाये गए। सही समय पर पानी दिया ग गया। आज वहाँ एक सुंदर बग़ीचा है। इसलिए वहाँ सब खेलने जाते हैं। |
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मेरे घर में दो पा ल ग पालंग हैं। एक छोटा है, दूसरा बड़ा है। छोटे पर मैं सोता हूँ। बड़े वाले पर मेरा भाई सोता है। |
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सलम ब गी चे बग़ीचे में घूमने गया । वह आम का एक पेड़ था। पेड़ पर बहुत आम थे। स स ल म सलम को आम खाने का मना हु हु हो हुआ। आम ऊपर की डाल पर थे। सलेम को हाथ आम तक तोड़ नहीं पा नहीं पहुँचा पाये। देर तक सोचने का बाद वह एक सीढ़ी लेकर आ आई। अब आ सा नी उ सने से आम उसके हाथों में आ गए। उसने खूब मज़े से आम खाए। |
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सोनम गाना गाती है। उसे गाना अच्छा लगता है। उसकी आवाज़ मीठी है। सब उसे पसंद करते हैं। |
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राजू नाम का एक लड़का था। उसकी एक बड़ी बहन व एक छोटा भाई था। उसका भाई गाँव के पास के विद्यालय में पढ़ने जाता। वह खूब मेहनत करता था। उसकी बहन बहुत अच्छी खिलाड़ी थी। उसे लंबी दौड़ लगाना अच्छा लगता था। वे तीनों रोज़ साथ-साथ मौज-मस्ती करते थे। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बाज़ार घुमाने ले गई। बाज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झोले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दूकान दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता था। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश थी। |
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काले बादल छाए हैं। तेज़ बारिश हो रही है। मोर भी नाच रहा है। सब नाच देख रहे हैं। |
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बहुत दिनों से बारिश हो रही थी। गाँव में सभी जगह गंदा पानी भर गया था। सभी बारिश के रुकने की राह देख रहे थे। अचानक एक दिन बारिश रुक गई। सूरज निकल आया। सब लोग खुश हो गये। आसमान में चिड़ियाँ उड़ने लगीं। लोग अपने कपड़े सुखाने लगे। बच्चे भी घरों से बाहर निकलकर खेलने लगे। |
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केशव अपने दादाजी के साथ रहता था। एक दिन दादाजी केशव को बगीचा घुमाने ले गए। बगीचे में कई बच्चे खेल रहे थे और केशव भी उनके साथ खेलने लगा। दादाजी पास के पेड़ के नीचे बैठ गए। शाम को जब वे घर लौट रहे थे तब उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। केशव को जलेबी खाना बहुत पसंद था। दादाजी ने उसके लिए खूब सारी जलेबी खरीदी। केशव ने सारी जलेबियाँ अपने झोले में रख लीं। केशव की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर केशव ने जलेबी खाई। केशव बहुत खुश था। |
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हम सब घूमने गए। वहाँ हमने बंदर देखे। हमने उनको केले दिए। सबने केले खा लिए। |
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एक पेड़ पर बहुत से पक्षी रहते थे। उनमें एक बूढ़ा कौआ भी था। कौआ बूढ़ा होने के कारण अपने लिए भोजन जुटा नहीं पाता था। इसलिए सभी पक्षियों ने एक योजना बनाई और बूढ़े कौए से कहा, ‘‘आप हमारे बच्चों व अंडों की देखभाल कीजिए। हम आपके लिए भोजन लायेंगे।’’ इस तरह बूढ़े कौए को भोजन मिलने लगा। |
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माया अपनी नानी के साथ रहती थी। एक दिन नानी माया को बाज़ार घूमने ले गई। बाज़ार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियाँ और फल मिल रहे थे। नानी ने बहुत सारा सामान खरीदा और अपने झोले में रख लिया। थोड़ा आगे जाने पर उन्हें मिठाई की एक बड़ी सी दुकान दिखी। माया को मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता था। नानी ने उसके पसंद की कई सारी मिठाइयाँ भी खरीदी। माया ने सारी मिठाइयाँ अपने झोले में रख लीं। माया की छोटी बहन घर पर थी। अपनी बहन के साथ मिलकर माया ने मिठाई खाई। माया बहुत खुश थी। |
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बाजार में सुनार की दुकान है। सुनार जेवर बनाता है। जेवर चाँदी और सोने के होते हैं। सभी जेवर पहन पह`एम् पहनना पसंद करते हैं। |
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